*बारिश*

🌨️ *बारिश*🌨️
  
पतझड़ में
बेलिबास हुए
दरख़्तों को
बारिश ने पहना दिये
 सब्ज़ कपडे़,
 झुकाकर सर वो अपना
  बादलों का शुक्रिया
   करते हैं...
    चलो हम भी चलें
     उन बस्तियों में
      जहाँ घरों की छतें
       मज़दूर के बच्चों की तरह
        *नंगी हैं*
             🌨️
😢😢 *तारक*😢😢

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